हेलो दोस्तों, यह कहानी थोड़ी लम्बी जरुर है लेकिन मैं आपको भरोसा दिलाता हूँ की इस कहानी में आपको बोरियत कही भी महसूस नहीं होगी.
इस कहानी के मुख्य पात्र है – मैं (समीर उम्र 35 वर्ष), मेरी साली (वैभवी उम्र 36 वर्ष – गृहणी – 10 साल के बच्चे की माँ), मेरी साली का पति (नरेश उम्र 39 साल) और उसकी महिला मित्र (शालिनी उम्र 48 वर्ष – शिक्षिका)
कुछ महीने पहले मेरी बीवी को मेरी साली का फ़ोन आया. मेरी साली वैभवी ने मेरी बीवी को बताया की उसके पति नरेश का किसी अधेड़ महिला के साथ अवैध संबंध चल रहा है. जो की पेशे से स्कूल में शिक्षिका है.
जिसके चलते नरेश वैभवी को बिलकुल भी समय नहीं देता है. और उसको शारीरिक संतुष्टि भी नहीं है. नरेश दिन हो या रात हर वक़्त शराब के नशे में रहता है. यह सारी बात मुझे मेरी बीवी ने बताई. उस वक़्त तक मेरे दिमाग में कुछ भी खुराफात नहीं थी.
फिर एक दिन एक फॅमिली फंक्शन में हमारा मेरी साली वैभवी से मिलना हुआ. वह फंक्शन में अपने पति नरेश के साथ आई थी. और वो दोनों आपस में बहुत ही नार्मल व्यवहार कर रहे थे (जैसा की समाज को दिखने के लिए करना पड़ता है).
थोड़ी देर बाद हम पुरुष लोग दुसरे हॉल में शराब पिने बैठ गए. और महिलाएं उनका अलग ग्रुप बना कर बैठ कर बातें करने लगी. मैं शराब लिमिट में ही पीता हूँ. लेकिन नरेश भूखों जैसे एक के बाद एक गिलास गटकने लगा. और थोड़ी ही देर में उसने आपा खो दिया.
वह जोर जोर से अनाप शनाप बकने लगा. जब मेरी साली वैभवी ने उसको रोकना चाहा तो उसके साथ भी बुरा बर्ताव करने लगा. मैंने मेरी बीवी और साली को बोला की हम सभी यहाँ से निकल कर मेरे घर चलते है. जैसे तैसे हम सभी साली के पति नरेश को लेकर मेरे घर पहुच गए.
घर आकर मेरी साली फूट फूट कर रोने लगी. मैंने और मेरी बीवी ने उसको समझाया और चुप करवाया. मेरी साली, बीवी और हम लोगों के 1 – 1 बच्चे एक कमरे में सोने चले गए. मैं और साली का पति दुसरे कमरे में सोने चले गये.
अगले दिन सुबह जल्दी मेरी बीवी और दोनों बच्चें स्कूल चले गए. मेरी बीवी भी स्कूल में शिक्षिका है. मेरी नींद लगभग सुबह 9 खुली तो मैंने देखा की नरेश अभी भी बेसुध सा पड़ा सो रहा है. मैंने खिड़की से बाहर देखा तो मेरी बीवी की स्कूटी नहीं थी. जिससे मैं समझ गया की वो नौकरी पर जा चुकी है.
मैंने एक हफ्ते की छुट्टी ले रखी थी तो मुझे कहीं नहीं जाना था. मुझे उठते ही अख़बार पड़ने की आदत है. सो मैं बाहर हमारे गार्डन से अख़बार उठाने जाने लगा. रात को मुझे अंडरवियर पहन कर सोने की आदत नहीं है. तो मैंने सिर्फ टी शर्ट और शॉर्ट्स पहने हुए थे.
जैसे ही मैं हॉल से क्रॉस हुआ तो देखा की वैभवी किचन में चाय – नाश्ता तैयार कर रही थी. मैंने 30 सेकंड उसके जिस्म को भूखे कुत्ते की तरह जी भर कर देखा. फिर वो भी पलटी और उसने मुझे देख कर बोला, “अरे जीजू, उठ गए आप, मेरा भी चाय – नाश्ता रेडी हो गया है. आप मुह धोकर आ जाओ, साथ में नाश्ता करते है.” मैंने ठीक है बोला.
अख़बार उठाकर मैंने हॉल में रखा. अपने कमरे के बाथरूम में जाकर शॉर्ट्स निचे कर अपने आधे तने लिंग को जो सीन में हॉल में देखकर आया था उसे सोच कर सहलाने लगा. दरअसल मेरी साली सीधे फंक्शन से मेरे घर आई थी.
तो अपने कोई भी कपडे नहीं ला सकी जो वो घर में पहन सके. इसलिए उसने मेरी बीवी की साटन की नाईटी पहन राखी थी. मेरी बीवी और मेरी साली के बदन में बहुत फर्क था. मेरी बीवी का फिगर 38-28-40 है जबकि मेरी साली का फिगर 38-29-42 है.
कहने का ये मतलब है की नाईटी उसके बदन से ऐसे चिपकी हुई थी की उसका सारे उभार बाकायदा दिख रहे थे. और उसके नितम्ब तो नाईटी फाड़ कर बाहर आने को आतुर थे. कुछ 5 मिनिट मैंने मेरे छोटू को साली को याद करते हुए सहलाया.
अपनी इच्छाओं पे कण्ट्रोल करता हुआ शॉर्ट्स सही कर के बाहर हॉल में डाइनिंग टेबल पर बैठा. और अख़बार पढने का नाटक करने लगा. वैभवी नाश्ता परोस रही थी और मैं अख़बार के पीछे से उसके बदन को ताड़ रहा था.
वह कुछ लेने के लिए किचन में जाने लगी. मैंने ध्यान दिया की नाईटी बहुत टाइट होने की वजह से उसकी पेंटी की भी प्रिंट दिख रही थी. क्योंकि नाईटी सफ़ेद रंग की थी और उसने शायद गुलाबी रंग की पेंटी पहनी थी. जिसपे छोटे छोटे दिल बने हुए थे.
मेरा तो हाल बुरा था ये सब देख कर. अंडरवियर न पहना होने की वजह से मेरा लिंग भी अंगड़ाईयाँ लेने लगा. अब मेरी साली भी आकार डाइनिंग टेबल पर मेरे सामने वाली कुर्सी पर बैठ गयी. मैंने अख़बार से अपने लिंग के उभार को ढंका और हम दोनों चुपचाप नाश्ता करने लगे.
कुछ 5 मिनिट बाद मैंने उसकी शक्ल की तरफ ध्यान दिया. तो उसकी आँखों में आसूं थे. मैंने पूछा, “वैभवी, ये क्या तुम रो रही हो, क्या हो गया?” मेरा इतना बोलना ही था की वह फूट फूट कर रोने लगी.
मैं उठा और पहले उस कमरे का दरवाज़ा बंद किया जहां उसका पति सो रहा थे. ताकि आवाज से वो उठ न जाये. फिर मैं वैभवी के साथ वाली कुर्सी पर बैठ कर उसके आंसू पोछने लगा और उसको समझाने लगा. थोड़ी देर समझाने के बाद वो बोली, “दीदी कितनी खुश नसीब है और आप कितने अच्छे हो.”
उसको समझाते वक़्त मैंने उसके कन्धों पर, उसके गालों पर और उसके गले पर छुआ था. लेकिन मुझे ऐसा महसूस हो रहा था की उसने मेरे लिंग के उभर को भी देख लिया है. कुछ 5 मिनिट बाद वह नार्मल हुई और मेरी तरफ देख कर मुस्कुरायी.
बदले में मैंने भी उसको बोला, “तुम्हारे दिल बहुत प्यारे है.” (मैंने उसकी पेंटी को याद कर के बोला था , लेकिन वो समझ नहीं पाई)
अब सुबह के 10 बज चुके थे. वैभवी बोली, “जीजू मैं ये टेबल साफ़ कर के नहा लेती हूँ फिर खाना बनाउंगी. ये तो दोपहर तक उठने वाले नहीं है, दीदी को भी घर आते आते 3 बज जायेंगे.” मैंने बोला, “ठीक है, मैं भी जब तक अखबार पढ़ लेता हूँ.”
मैं सोफे पर बैठ कर अख़बार पढने लगा. वैभवी डाइनिंग टेबल साफ़ करने लगी. वह बर्तन उठा कर किचन में जा रही थी तब मैंने उसके नितम्बों को फिर से ललचाई हुई नज़रों से देखा. और मन ही मन सोचा, “कितना बड़ा बेवकूफ है इसका पति, ऐसे कड़क माल को कोरा छोड़ रखा है.”
उसके बाद मैंने जो देखा, वह देख कर मैं दंग ही रह गया. वैभवी बर्तन रख कर वापस डाइनिंग टेबल की तरफ आ रही थी. तो मैंने देखा की उसकी नाईटी के ऊपर के 2 हुक खुले हुए है. जो की सुबह से अभी तक लगे हुए थे.
उसने भी पल भर के लिए चोर निगाह से मुझे नोट किया की मैं उसे देख रहा हूँ या नहीं. और उसने मेरी लालच भरी निगाहें पकड़ ली. मेरे दिमाग में 5 मिनिट पहले हुई बाते वापस घुमने लगी. जैसे की, “वो दोपहर तक नहीं उठेंगे, दीदी भी 3 बजे तक आयेंगी, मैं नहा लेती हूँ.”
और उसके बाद उसका किचन में जाकर 2 हुक खोल कर बाहर आना. मैं मन ही मन समझ गया की आज ये कामरस का मजा लेने के लिए तैयार है और मुझे इशारे दे रही है. मैंने फिर भी सोचा की स्त्री मन का कोई भरोसा नहीं. इसलिए मैं वैभवी के ही पहल करने का इंतजार करने लगा.
थोड़ी देर बाद वैभवी एक कटोरी में तेल लेकर आई. और डाइनिंग टेबल पर बैठ कर अपने बालों में लगाने लगी. वह दोनों हाथ ऊपर कर के अपने सर की मसाज कर रही थी. तो उसके दोनों बूब्स हलके-हलके नाईटी के अन्दर कसी हुई कॉटन की गुलाबी रंग की ब्रा के साथ उछल रहे थे.
और उसकी कांख भी बिना बाल की बिलकुल साफ़ थी. थोड़ी देर बाद वो बोली, “आओ जीजू, आपके भी सर की मसाज कर देती हूँ. आपके बाल बहुत रूखे हो रहे है.” ये सुनकर मैं सोफे से उठ कर कुर्सी पर आकार बैठ गया. और वो मेरे बालों में हलके हलके उँगलियाँ फेरने लगी.
वो मेरे पीछे खडी थी और उसके बदन की भीनी खुशबु मैं महसूस कर पा रहा था. मैंने अपने लिंग को अख़बार से ढक कर छुपा रखा था. हालांकि अब वो भी नियंत्रण के बाहर जा रहा था. अब वो मेरे सामने की तरफ आ गयी और मेरी जांघों पर रखे अख़बार को उठा कर टेबल पर रख दिया.
मेरी शॉर्ट्स में तम्बू बहुत साफ तरीके दिख रहा था. मैंने पल भर के लिए उसकी निगाहों में देखा और तुरंत आंखे निचे कर ली. वो भी मेरे तम्बू को देख चुकी थी. और जान बुझ कर अपने बूब्स मेरे चेहरे के पास लाकर मेरे बालों को मसाज कर रही थी.
अब उसके 2 की जगह 3 हुक खुले हुए थे. जिसमे से उसकी 30% क्लीवेज और ब्रा का उपरी हिस्सा दिख रहा था. नाईटी टाइट होने की वजह से वह बदन पर कसी हुई थी. अब वो बोली, “जीजू टी शर्ट उतर दो, तेल से गन्दी हो जाएगी.”
मैंने बिना देरी किये झट से टी शर्ट उतार दी. उसके नेल पोलिश वाले मुलायम हाथ मेरे कंधो से होते हुए मेरे सीने तक धीरे धीरे सफ़र कर रहे थे. मेरा लिंग अब बेकाबू हो गया था और शॉर्ट्स फाड़ कर बाहर आना चाह रहा था. अब वो मेरे सामने आकर घुटनों पर बैठ गयी.
अपने हाथों मेरे घुटनों से होते हुए मेरी जन्घो को सहलाने लगी. अब हम दोनों की नज़रे एक दुसरे से अटक गयी थी और कोई भी नज़र नहीं हटा रहा था. फिर वो बोली, “जीजू, और कितने इशारे दूँ? अब प्लीज मेरी प्यास बुझा दो न.”
उसका इतना कहना ही था की मैंने उसको कन्धों से पकड़ कर उठाया. और उसको गुलाबी होंठों पर अपने होंठ जड़ दिए. हम दोनों बेतहाशा एक दुसरे को चूमने लगे. हमारा चुम्बन बहुत गहरा हो गया. लग रहा था की हम एक दुसरे के होंठों को खा जायेंगे.
मैंने अपने हाथ उसके कन्धों से सरकते हुए उसकी कमर पर ले गया और उसे जोर से अपने साथ सटा लिया. ऐसा करने से मेरा लिंग जो अब पुरे उफान पर आ चूका था. वो अब उसकी नाभि और योनी के बीच चुभने लगा. लिंग की छुवन से वो अचानक सिहर उठी.
और धीरे से अपने होठ मेरे होठो के पास लाकर बोली, “जीजू ये तो बहुत बड़ा मालूम होता है.” मैंने कहा, “खुद ही नाप लो फिर. लेकिन तुम्हारा पति पास के ही रूम में सो रहा है और कभी भी उठ सकता है.”
वो बोली, “आप चिंता न करें, जब वो सुबह पानी पिने उठा तो उसका सर दर्द कर रहा था. तब मैंने उसे सिरदर्द की जगह नींद की गोली दे दी थी. अभी वो कम से कम 3 – 4 घंटे और नहीं उठेगा.”
मैं बोला, “फिर क्या विचार है? तुम्हारी दीदी को भी आने में 4 घंटे से ज्यादा है.” वो बोली, “ तब तो जीजू, मुझे आप रगड़ कर रख दो आज. औरत होने का असली सुख दे दो, प्यास बुझा दो मेरी.” मैं बोला, “ठीक है मेरी रानी, आज तुझे जन्नत दिखता हूँ.”
वो बोली, “लेकिन यहां नहीं, उसी बिस्तर पर जहां वो सोया हुआ है. मैं उस कुत्ते से बदला लेना चाहती हूँ.” यह सुनते ही मेरे लिंग का टोपा फड़फ्ड़ाने लगा. एक शादीशुदा औरत को उसके सोये हुए पति के बगल में चोदने का सोच कर ही अलग आनंद है.
फिर मैं उसे किस करते हुए उसी रूम में दाखिल हुआ जहा उसका पति सोया हुआ था. हमने कुछ पलों के लिए अपनी किस रोकी और उसके पति को देखा. वो अभी भी बेसुध सोया हुआ था. वैभवी उसके पति के पास गयी और उसको गाल पर एक चांटा मारा. वो टस से मस न हुआ.
वैभवी बोली – देखो जीजू, हरामी कैसा मरा पड़ा है. आज तो इसके सामने ही सारी मर्यादाएं तोड़ दूंगी.
मैं बोला – साली जी, आपने सारे बदन की तो मालिश कर दी लेकिन एक महत्वपूर्ण हिस्से को छोड़ दिया है.
वो बोली – अरे जीजू, आप टेंशन मत लो. आज आपके सारे बदन की अकड़ खोल दूंगी.
फिर उसने इठलाते हुए मेरी शॉर्ट्स को दोनों साइड से पकड़ा और उसको धीरे धीरे निचे कर दिया. मेरा लिंग स्प्रिंग की भांति लहराते हुए उसके सामने आ गया. उसकी आंखे 10 सेकंड के लिए फटी की फटी रह गयी.
होश सम्हालते हुए वो बोली, “उई माँ इतना बड़ा! इतनी खुशनसीब है दीदी!” (आपकी जानकारी के लिए बता दूँ मेरा लिंग 9 इंच का है और उसकी चौड़ाई 4 इंच की है)
फिर उसने मुझे बेड पर धक्का दिया और बोली, “इसको तेल से नहीं मेरे थूक से मालिश मरूंगी.” मैंने उसको कमर से पकड़ कर मेरे पास खिंचा और उसके बूब्स पर दोनों हाथ रख दिए. उसने लम्बी सी सिसकी भरी. उसकी निप्प्लें कड़क हो चुकी थी जो की मेरे हथेलियों पर महसूस हो रही थी.
फिर उसकी आंखों में आंखें डालते हुए मैंने उसके बचे 2 हुक भी खोल दिए. अब उसके 38 साइज़ के बूब्स गुलाबी ब्रा के अन्दर तेज सांसों के साथ ऊपर निचे होते हुए बहुत सुन्दर लग रहे थे. बूब्स के ऊपर मोटी -पतली हरी हरी नसें चार चाँद लगा रही थी.
वो नाईटी को कन्धों से उतार कर कमर तक ले आयी. मैंने उसकी नाईटी को कमर से निचे खीच कर उतारने की नाकाम कोशिश की. उसने इतराते हुए मेरे हाथ हटाये और बोली, “मेरी गांड दीदी से बड़ी है. ऐसे नहीं उतरेगी नाईटी.”
उसके मुंह से अश्लील शब्द सुन कर मैं भौचक्का और उतावला हो गया. उसने दोनों हाथों से नाईटी को निचे से उठाया और सर के ऊपर से नाईटी निकाल फेकी. अब वह अपने 38-29-42 के गोरे – गदराये बदन के साथ जो की गुलाबी ब्रा और नेवी ब्लू पेंटी के अन्दर कैद था सामने खड़ी थी.
मेरा लिंग को आज तक मैंने इतना कड़क कभी महसूस नहीं किया था. एक तो क़यामत बदन वाली शादीशुदा औरत और वो भी जब उसका पति उसी रूम पड़ा हुआ हो. मेरा तो उत्साह चरम पर था.
फिर क्या हुआ? जानने के लिए इस कहानी का अगला भाग जरुर पढ़े.
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