कसाई रफीक़ और उसके 2 दोस्तों के साथ चुदाई – भाग 2

आप लोगों ने पढ़ा था के आखिरी कहानी में कैसे मैं और रफीक चुम्मा चाटी करते हुए पकड़े गए। फिर मुझे 2 लोगो को और खुश करने का वादा करना पड़ा। तो अब आगे।

असलम के जाने के बाद बाथरूम में नहाने चली गई। नहा कर मैंने अपनी पूरी बॉडी पर लोशन लगाया और फिर जल्दी से मेकअप करने लगी। मैंने बेली पियर्सिंग करवा रखी है तो मैंने उसमें एक अच्छी सी रिंग लगा ली थी ।

मैंने फिर मेकअप किया और एक चेरी रेड लिपस्टिक लगा कर अपने बैग में भी रख लिया। फिर मैंने लाल रंग की ब्रा पहनी। असलम से चुदने और हार्मोन्स लेने की वजह से मेरे चूचे बहुत अच्छी तरह से उभर कर बड़े हो गए 36 D के।

उसके बाद मैंने एक लाल रंग की पैंटी पहनी जो मुश्किल से मेरे छोटे से डेढ़ इंच के लुल्ली को छुपा रही थी। फिर मैंने एक डीप नेक ब्लाउज पहन लिया जो आगे से थोड़ा खुला था। जिसमें से मेरे बूब्स के बीच की दरार साफ दिख रही थी। पीछे की तरफ से पूरा खुला हुआ था। सिर्फ आखिरी में एक पतली सी पट्टी थी और एक डोरी थी।

फिर मैंने पेटीकोट पहन कर अपनी सफेद रेशमी साड़ी बांधी।मेरी साड़ी काफी पतली थी जिसका मेरे ब्लाउज से मेरा क्लीवेज साफ साफ नजर आ रहा था।उसके बाद मैंने पायल पहनी, गले में मंगलसूत्र पहना, दोनों हाथों में चूड़ियाँ पहन कर तैयार हो गई।

फिर दुपट्टे से अपना चेहरा ढांक कर हसन के दिए गए पते की तरफ चल पड़ी। 30 मिनट बाद, उसके बताए हुए पते पर पहुंच गई।  वो जगह गुड़गांव में थी। मैं मुख्य सड़क पर पहुंच कर हसन को फोन करने लगी और फिर थोड़े देर में रफीक मुझे लेने आ गया।

रफीक मुझे देख कर एक दम हैरान हो गया। तो मैंने उसको टोकते हुए बोला – रफीक अब देखते ही रहोगे या मुझे घर भी लेकर जाओगे।

इस पर उसने कुछ नहीं बोला और मुझे अपनी पीछे बाइक पर बैठने का इशारा किया। फिर हम एक गली में पहुंचे जहां पर आखिरी में एक मकान था और हम उस मकान के अंदर चले गए। अंदर जाकर मैंने देखा वहा पर हसन और आलम पहले से ही लुंगी पहन कर बैठे हुए थे और बिरयानी खा रहे थे।

मुझे देख कर दोनो उठ के आए और मुझे गले लगाने लगे। हसन ने गले लगाते समय मेरी गांड को जोर से दबा दिया जिस पर मेरी आह निकल गई।तो हसन और आलम इस पर जोर से हंसने लगे।
फिर उन्हें मुझे बैठने को बोला।

उन लोगो ने ज़मीन पर दो गद्दे डाल रखे थे और घर को देख कर ऐसा लग रहा था कि बहुत दिनों से बंद था। तो मै वही ज़मीन पर बैठ गई। उसके बाद आलम और हसन भी मेरे पास आकर बैठ गए और मेरे गले में हाथ डाल दिया।

इतने में हसन बोला – क्या बात पिंकी रंडी तुम तो आज बहुत बन के आई हो गैर मर्दों से चुदने। इतना पसंद आया क्या हमारा लंड?

आलम – और नहीं तो क्या। हसन भाई देख नहीं रहे हो कैसे सज धज के आई है। किसी पेशेवर रांड की तरह। और इसने तो मांग में सिन्दूर और मंगलसूत्र भी डाल रखा है।

रफीक – यार तुम लोगो ने जिस काम के लिए बुलाया है वो कर लो फालतू की बात मत करो।

हसन – अरे रफीक भाई को बुरा लग गया क्या? कहीं इस रांड से शादी का तो इरादा नहीं है?

रफीक – हसन औकात में रह फालतू बकवस मत कर।

ये बात सुन कर मुझे लगेगा कहीं तीनो आपस में लड़ाई ना कर ले। तो मैं बीच में बोली – अरे तुम तीनो क्यों लड़ रहे हो? अब जो होना था हो गया अब पुरानी बात को भूल जाओ और जिस काम के लिए बुलाया है वो करो।

आलम – देखा हसन भाई कितनी बड़ी रंडी है ये।

मैं – अब तुम लोगो के लंड ही इतने अच्छे है के मै अपने आप को कंट्रोल नहीं कर पाई।

इतना कह कर मैंने हसन और आलम के लंड लुंगी के ऊपर से सहलाने लगी। हसन ने फिर मेरे चेहरे को अपनी तरफ घुमाया और मेरे होंठ चूसने लगेंगे। इधर आलम भी ब्लाउज के ऊपर से ही मेरे चूचे दबाने लगा और मेरी गर्दन कर चुम्बन करने लगा।

आलम के ऐसा करने से मैं गरम हो गई फिर थोड़े देर में आलम ने भी मेरे होठों को चूसना शुरू कर दिया। और हसन मेरी गर्दन और पीठ पर अपनी जीभ चलाने लगगा। ये सब होते हुए रफीक देख रहा था।तब मैंने उसको अपनी तरफ आने का इशारा किया। लेकिन उसने इग्नोर कर दिया।

तब मैंने आलम और हसन दोनों को रोक दिया और बोला – देखो आज मैं सबसे पहले रफीक से चुदाई करवाउंगी। उसके बाद तुम दोनों का नंबर आएगा।

जिस पर हसन बोला – ये क्या बात हुई पिंकी हम सब एक साथ करते हैं मजा आएगा तुमको भी।

मैं – नहीं, हसन पहले रफीक को चोदने दो उसके बाद तुम दोनों।

फिर थोड़े देर में दोनो मान गये और मेरे पास से हट कर कुर्सी पर बैठ गए। फिर मैं रफीक के पास गई और उसके होंठ से होंठ जोड़ दिए। इस बार रफीक ने भी जवाब में एक हाथ से मेरे चेहरे को पकड़ा और मुझे किस करने लगा।

रफीक ने अपनी जीभ मेरे मुंह में घुसा कर चूसने लगेगा।और एक हाथ से मेरे स्तन दबाने लगगा। मैं भी एक हाथ से उसका लंड सहलाने लगी। 2-3 मिनट तक किस करने के बाद रफीक ने अपना कुर्ता और लुंगी उतार दिया और एक दम नंगा हो गया।

फिर उसने मेरी साड़ी के पिन निकल कर मेरी साड़ी खोल दिया और एक किनारे फेक दिया, जिसे हसन ने उठा लिया। उसके बाद रफीक ने मुझे खड़ा किया और मुझे गले में, कान पर सब जगह अपनी जीभ से चाटने लगा। उसकी इस हरकत से मैं और ज्यादा गरम हो गई।

फिर उसने मेरे पेटीकोट का नाडा खोल दिया जिसमें मेरा पेटीकोट नीचे गिर गया अब मैं सिर्फ ब्लाउज और पैंटी में थी। मेरी बेली पर रिंग देखकर हसन और आलम डोनो के लंड और ज्यादा उबलने लगेंगे। तो उन दोनो ने भी अपनी लुंगी उतार दी और अपना लंड हिलाने लगे।

इधर रफीक मेरे स्तन ब्लाउज के ऊपर से ही दबा रहा था और बिच बिच में उनको ऊपर से ही चूस रहा था। जिससे मेरा पूरा ब्लाउज उसके थूक से गिला हो रहा था। फिर उसने मेरे ब्लाउज की पीछे की डोरी को खोला और पीछे की पट्टी से हुक खोल दिया।

अब मैं सिर्फ लाल ब्रा और पेंटी में थी। और मेरा छरहरा जिस्म तीनो की हवस बढ़ रहा था। मेरे उभरे हुए चुचे,मेरी पतली कमर और मेरा समतल पेट उनकी भूख बढ़ा रहा था। फिर रफीक ने मुझे बिठा दिया और मेरे पीछे आकार मेरी ब्रा को खोल दिया।

मेरे दोनों स्तन आज़ाद होते ही रफीक ने मेरे पीछे से दोनों को दबाना शुरू कर दिया। साथ ही साथ वो मेरी पीठ, कमर और गर्दन पर लगातार अपनी जीभ घुमा रहा था। मेरा पूरा शरीर लगभग उसके थूक से गीला हो गया था।

ये मेरे लिए एक नया एहसास था क्यों कि आज से पहले मेरे शरीर को इतना किसी ने नहीं चूसा था। मैं बहुत ज्यादा गरम हो गई थी तो मैं भी उसके सर पर हाथ फेर रही थी।और उसको मेरे स्तन चूसने को बोलने लगी।

उसने भी मेरी बात सुनी और मुझे पीठ के बल लिटा दिया। फिर उसने अपनी जीभ से पहले मेरे दोनों निपल्स के आस पास खूब चाटा।

वो मुझे गरम कर रहा था मैं उसे बोलने लगी – आह रफ़ीक और मत तड़पाओ मुझे प्लीज़ मेरे स्तनों को चूस लो और मुझे चोदना शुरू करो। आह माँ हाय रे।

फिर उसने अपना 8 इंच का बड़ा सा लंड मेरे सामने कर दिया। उसके लंड से प्रीकम निकल रहा था जिसकी खुशबू बहुत ही मर्दाना थी। फिर मैंने उसका लंड मुंह में ले लिया और उसे चुसने लगी। मैं किसी पोर्नस्टार की तरह उसका लंड चूस रही थी और वो मेरी चुचियॉं और मेरी गांड दबा रहा था।

फिर मैंने उसके टट्टे अपने मुँह में भर लिए और उसके टोपे पर अपनी उंगली चलाने लगी। हम दोनों को ऐसा करते देख हसन और आलम भी बहुत गरम हो गया। दोनो अपना लंड मेरे ब्लाउज और मेरी ब्रा पर रख कर हिला रहे थे।

फिर कुछ देर बाद रफीक ने मेरे मुँह को चोदने की स्पीड बढ़ा दी जिसे मेरे आंसू निकल आए और उसका लंड मेरे गले तक चला गया। जिस पर मैंने उसको रोक दिया।

मैं – आराम से करो ना जान मैं कहाँ भाग रही हूं अब तो तुम्हारी ही हूं।

रफीक – हां मेरी रंडी अब आराम से करूंगा।

हसन – रफीक जल्दी से कर ले यार हम भी है लाइन में।

फिर रफीक ने अपने लंड को मेरे मुँह से निकाला और मुझे चोदने की तैयारी कर ली। तब मैंने उसको कंडोम लगाने को कहा और उसने कंडोम पहन लिया। फिर उसने मेरी गांड के छेद को 2 मिनट तक चाट चाट कर गिला किया और थोड़ा सा थूक दिया।

आज तक मैंने अपनी गांड थूक लगा कर नहीं मरवाई थी लेकिन आज मैं पहली बार एक कसाई के साथ सड़कछाप रंडी की तरह हरकत कर रही थी। फिर उसने एक झटका मारा और उसका आधा लंड मेरी गांड में घुस गया।जिस पर मेरी चीख निकल गई और मैंने उसको गाली दे दी।

मैं- अरे मादरचोद आराम से कर, फाड़ देगा क्या मेरी गांड को। आह मर गई रे।

रफीक- साली रंडी यहां 3 लोगों से चुदने आई है और मुझे मादरचोद बोल रही है।

मैं – तो साले आराम से चोद ना भाग नहीं रही हूँ कहीं।

रफ़ीक – साली तू भागेगी भी कहा आज तो सारी रात तेरी गांड का भरता बना देंगे हम तीनो।

इतना कह कर उसने एक और झटका दिया और पूरा लंड मेरी गांड मुझे पेल दिया।

मैं- आआह आराम से करो ना रफीक प्लीज मेरी गांड फट जाएगी तो असलम को पता लग जाएगी।

रफीक- अच्छा ठीक है अब आराम से करूंगा मेरी प्यारी रांड।

इतना कह कर उसने अपना लंड मेरी गांड में रहना दीया और फिर मेरे स्तन चूसने लगा। अब मेरा दर्द कम हो रहा था।करीब 5 मिनट बाद जब मेरा दर्द एक दम कम हो गया तो मैंने उसकी पीठ पर हाथ फेरना शुरू कर दिया। वो समझ गया के अब मैं तैयार हूं।

फिर रफीक ने धक्के मारने शुरू किये।वो शुरू में धीरे धीरे धक्के लगा रहा था फिर उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी। साथ ही वो मेरे स्तन जोर जोर चूस रहा था और उनको ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था।मैंने भी अपनी दोनो टाँगें उसकी कमर पर लपेट और मज़े से आहें भरने लगी।

मैं- आह यस्स। चोदो मुझे। आह मेरे राजा। हाये मिया जी। कितना बड़ा लंड है तुम्हारा। आह मेरी प्यास बुझा दो। मुझे रंडी बना दो अपनी। आह हाँ। चोदो मुझे।आह।हाय रे जालिम।

रफ़ीक – ले साली रांड, लगता है तेरी भूख एक लंड से नहीं मिटती इसलिए तू हम तीनों से चुदने आई है।

मैं – हा मेरी भूख नहीं मिट राही है। आज तुम मुझे संतुष्ट कर दो, अपना बीज मेरी कोख में डाल दो। आह आह आह यस्स फ़क मी। चोदो मुझे तीनो आज रात भर।

फिर थोड़े देर में उसने मुझे घोड़ी बना दिया और मेरे पीछे आकर अपना लंड मेरी गांड में उतार दिया।वो मेरी गांड पर जोर जोर से थप्पड़ मार रहा था जिसे मेरी चुदाई का मजा बढ़ रहा था।
फिर थोड़े देर उसका माल निकलने वाला था तो उसने अपना लंड मेरी गांड से निकाला और मुझे घुटनो पर बैठा दिया।

फिर उसने कंडोम निकाल कर अपना सारा माल मेरे चेहरे पर और मेरे स्तनों पर छोड़ दिया।रफीक को देख कर हसन और आलम भी मेरी तरफ आ गये। उन दोनों ने अपना लंड मेरे हाथ में थमा दिया। मै समझ गई के ये दोनों भी मेरे ऊपर अपना माल गिराना चाहते हैं।

मैंने दोनों के लंड हिलाये और उनका माल 1 मिनट में निकल आया जिसको उन्होंने मेरे चेहरे पर मेरे कमर पर और मेरे स्तनों पर छोड़ दिया। मैं किसी सड़कछाप बाजारू रंडी की तरह दिख रही थी। तब मैंने उनको अपना फोन निकाल कर दिया और मेरी कुछ तस्वीरें लेने के लिए बोला।

तस्वीरें लेने के बाद मैं बाथरूम की तरफ जाने लगी। तभी हसन मेरा ब्लाउज पैंटी और ब्रा लेकर आया और बोला – हमारा माल तुम अपने इन कपड़ो से पोछ लो फिर जाकर नहा कर दोबारा तैयार हो जाना।

तब मैंने मना किया लेकिन वो कमीना नहीं माना। और अपना तीनो का माल मेरे ब्लाउज मेरी पैंटी और ब्रा से पोंछ दिया। मेरे कपड़े उनके माल से गीले हो गए थे। फिर मैं बाथरूम चली गई फ्रेश होंने।

इसके बाद रात में आगे क्या हुआ वो अगले हिस्से में। तब तक के लिये आप सभी को अलविदा, अगर कहानी पसंद आये तो मुझे मेल कीजिये – <a href="/cdn-cgi/l/email.

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